जेएनवीयू में बनी बिल्डिंग दिव्यांग फ्रेंडली नहीं है। पुरानी बिल्डिंग्स ही नहीं, लाखों रुपए खर्च कर बन रहे नए भवनों में भी दिव्यांगों के लिए न तो रैंप बनाए गए हैं और न ही अन्य सुविधाएं दी गई है। ऐसे में क्लासरूम से लेकर डिपार्टमेंट तक दिव्यांग नहीं पहुंच पाते। अधिकांश दिव्यांग एक-दूसरे की मदद लेकर विवि आ रहे हैं और यहां से दूसरे स्टूडेंट्स की मदद पाकर क्लास रूम तक पहुंच जाते हैं, लेकिन विवि में इनके सपोर्ट में रेलिंग, चेन या रैंप बनाए ही नहीं हैं। केंद्रीय कार्यालय के परीक्षा विभाग तक पहुंचना भी दिव्यांगों के बस की बात नहीं है। ऐसे ही दिव्यांग शिक्षिका छह साल से अपने विभाग में नहीं जा पाई। न्यू कैंपस की लैंग्वेंज विंग के मनोविज्ञान विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अर्पिता कक्कड़ ने 2012 में विवि जॉइन किया था। अर्पिता दिव्यांग हैं और व्हील चेयर पर आती हैं लेकिन उनका विभाग प्रथम मंजिल पर है। इसलिए उन्हें भूतल पर एक कमरा आवंटित किया गया ताकि वे क्लास ले सकें। अर्पिता आज तक अपने विभाग में नहीं जा पाई, क्योंकि पहली मंजिल तक जाने के लिए कोई रैंप नहीं बना है और सिर्फ सीढ़ियां हैं जो कि उनके लिए चढ़ना संभव नहीं है। लैंग्वेज विंग में प्रवेश के लिए 6 रास्ते हैं, प्रथम तल पर जाने के लिए एक भी जगह रैंप नहीं है। हालांकि विभागाध्यक्ष डिपार्टमेंट कौंसिल की बैठक सहित बड़ी मीटिंग भूतल पर करते हैं ताकि सभी शामिल हो सकें।
लैंग्वेज विंग सहित सेंट्रल ऑफिस तक में दिव्यांग हो रहे परेशान
रैंप के बगैर प्राे. अर्पिता को आने-जाने में परेशानी होती है।
पुलिस विवि के नए भवन में बनाया रैंप मापदंड अनुसार नहीं, रेलिंग हटाई नहीं
इधर, लोरड़ी पंडितजी स्थित पुलिस विश्वविद्यालय के नए भवन में भी रैंप बनाने में लापरवाही बरती गई। यहां नई बिल्डिंग में रैंप तो बनाया लेकिन वह तय मापदंड अनुसार नहीं है। रैंप जहां पूरा होता है, वहां रेलिंग लगा दी और ऐसे में दिव्यांग यहां प्रवेश ही नहीं कर सकेगा।
हर सरकारी बिल्डिंग में होने चाहिए रैंप : दिव्यांगों के लिए लड़ाई लड़ने वाले दिव्यांग जगदीश लोहार ने बताया कि हर सरकारी बिल्डिंग में रैंप होने चाहिए। बैंक हो या फिर एटीएम, लेकिन यह देखने का मिल रहा है कि सरकारी इमारतों में रैंप हैं ही नहीं। अब तो सरकार ने आदेश कर दिए हैं कि हर जगह पर रैंप बनने चाहिए। केंद्रीय विद्यालय में अभी बनी नई इमारत में सीढ़ियां बनाई ही नहीं, उसकी जगह पर रैंप बना दिया गया।
रैंप बन जाए तो आराम मिले
जेएनवीयू के न्यू कैंपस में दिव्यांगों के लिए न रैंप, न ही अन्य सुविधाएं